तलाशते रहे उसे पर मिला नहीं
पर उससे कोई शिकवा-गिला नहीं
अनायास ही मिला वो
पर ये एक हसीन सिलसिला नहीं,
नजरें नजरों से टकराई
थोड़ा हम मुस्कुराये, थोड़ा वो मुस्कुराई
पर इश्क का ये काफिला नहीं,
जिस्म से रुह तक
उनकी गुफत्गू थी, लबों पे गुमनामी इश्क
आंखों ही आंखों मे फिर वो शरमाई
पर तार-ए-इश्क अब तक हिला नहीं,
न गुनगुनाहट हुई, न ही संगीत बजी
न डोली उठी, न ही दुल्हन सजी
अरमान अधूरे रहें
पर ये अधूरे इश्क का किला नहीं।
पर उससे कोई शिकवा-गिला नहीं
अनायास ही मिला वो
पर ये एक हसीन सिलसिला नहीं,
नजरें नजरों से टकराई
थोड़ा हम मुस्कुराये, थोड़ा वो मुस्कुराई
पर इश्क का ये काफिला नहीं,
जिस्म से रुह तक
उनकी गुफत्गू थी, लबों पे गुमनामी इश्क
आंखों ही आंखों मे फिर वो शरमाई
पर तार-ए-इश्क अब तक हिला नहीं,
न गुनगुनाहट हुई, न ही संगीत बजी
न डोली उठी, न ही दुल्हन सजी
अरमान अधूरे रहें
पर ये अधूरे इश्क का किला नहीं।
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