Sunday 21 June 2015

असर

तुम्हें शायद एहसास नही
की कितना है हमे तुमसे प्यार
मेरी जजबातों को कभी पढ़ा समझा नही तुमने
क्या जरूरी है शब्दों से इकरार
ये भी किया हमने
कहा साफ-साफ
कि हो गया है हमे तुमसे प्यार
यकिन नहीं करोगी तुम, यह जानते थे हम
फिर भी लबों पर थी मुस्कुराहटें बेसुमार
शायद ये पागलपन है,
पर असर तुम्हारा ही है मेरे यार
बस हो गया है तुमसे प्यार.....

Saturday 20 June 2015

स्वाभिमान

जवां होकर क्या करोगे
जब जवानी मे उफान नहीं
कर्म तो बहुत है तुम्हारे
पर सुशोभित विनम्रता करती है
अभिमान नहीं
जुआ नहीं है जिंदगी
यह तो एक कड़ी है अच्छाई की
जीत तो तुम जाओगे
होना कभी परेशान नहीं
समेटे रखना ख़ुद मे अच्छाईयाँ
खोना कभी "स्वाभिमान" नहीं.......

Friday 19 June 2015

परछाई

आवाज मेरी कानो मे है जो आयी
खुश्बू है इनमे तेरी ही समाई
अजब सा जादू चढ़ गया है मुझ पर तेरी बातों का
दिल है मुस्कुराया और आँखें भी है डबडबाई
कुछ ऐसा लगाव हुआ है तुझसे
जुड़ गया हूँ ऐसे
जैसे हूँ मैं तेरी ही परछाई