Friday 19 June 2015

परछाई

आवाज मेरी कानो मे है जो आयी
खुश्बू है इनमे तेरी ही समाई
अजब सा जादू चढ़ गया है मुझ पर तेरी बातों का
दिल है मुस्कुराया और आँखें भी है डबडबाई
कुछ ऐसा लगाव हुआ है तुझसे
जुड़ गया हूँ ऐसे
जैसे हूँ मैं तेरी ही परछाई

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