आवाज मेरी कानो मे है जो आयी खुश्बू है इनमे तेरी ही समाई अजब सा जादू चढ़ गया है मुझ पर तेरी बातों का दिल है मुस्कुराया और आँखें भी है डबडबाई कुछ ऐसा लगाव हुआ है तुझसे जुड़ गया हूँ ऐसे जैसे हूँ मैं तेरी ही परछाई
No comments:
Post a Comment