झेल खुद मार दुनिया की
उसने हमें बचाया है।
इतना सरल कहां ये समझ पाना,
आखिर माँ ने हमें कैसे बनाया?
जब भ्रूण रहे थे हम, पूछ लड़का या लड़की
जग ने उसे सताया है।
जो कोख थोड़ी भारी हुई,
रूढ़ीवादी आड़म्बरों ने भी उसे बड़ा डराया है।
ख्याल कर स्वास्थ्य हमारा,
उसने अपने स्वाद को भी मन में दबाया है।
इतना सरल कहां ये समझ पाना,
आखिर माँ ने हमें कैसे बनाया है?
झेल खुद मार दुनिया की
उसने हमें बचाया है।
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