ये मायाजाल है
जहाँ सच बेहाल
और झूठ कमाल है
विडंबना भी ऐसी देखी
फकीरों की शामें रंगीन
दौलतमंद सारे कंगाल है
ये मायाजाल है,
रक्षक बने भक्षक
रिश्तों का भी बुरा हाल है
मौत तो मानों जीत
जिंदगी ही काल है
बेरंग हो गए है सब
चेहरे है काले
बस रंग-बिरंगी यहाँ गुलाल है
ये मायाजाल है
No comments:
Post a Comment